Created a company worth ₹9,800 crore in 3 months! Do you know how old the country’s youngest billionaire is?
भारत सैकड़ों अरबपतियों का घर है। इनमें गौतम अडानी और मुकेश अंबानी जैसे उद्योगपति दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था के उत्थान के साथ, व्यापार जगत में एक नई शख्सियत ने तेजी से प्रवेश किया है। छोटी सी उम्र में भी वह सफलता की कहानी लिखने में लगे हुए हैं। ये कोई और नहीं बल्कि पर्ल कपूर हैं। उनकी उम्र 27 साल है और उन्हें भारत का सबसे कम उम्र का अरबपति माना जाता है। आइए और हमें इसके बारे में यहां बताएं।
Zyber 365 तीन महीने में बन गई यूनिकॉर्न ( Zyber 365 became a unicorn in three months)
पर्ल कपूर की सफलता उनके स्टार्टअप Zyber 365 का नतीजा है। इसकी शुरुआत मई 2023 में हुई थी। महज तीन महीनों के अंदर इसे यूनिकॉर्न का दर्जा मिल गया। यूनिकॉर्न कंपनियां वे स्टार्टअप कंपनियां होती हैं जिनका मूल्यांकन 1 अरब डॉलर या उससे अधिक होता है। Zyber 365 एक वेब3 और एआई-बेस्ड ओएस स्टार्ट-अप है। इसने रिटेल सेक्टर में तहलका मचा दिया।
कंपनी का वैल्यूएशन 9,840 करोड़ रुपये ( Company’s valuation Rs 9,840 crore)
इस कंपनी का हेड ऑफिस लंदन में है और एक ऑफिस अहमदाबाद में है. यह गेंडा भारत और एशिया में सबसे तेजी से बढ़ता है। कीमत 1.2 अरब डॉलर (लगभग ₹9,840 करोड़) है। पर्ल कपूर ज़ायबर 365 के संस्थापक और सीईओ हैं। उनकी कुल संपत्ति $1.1 बिलियन (9129 मिलियन रुपये) है। उनके पास कंपनी के 90% शेयर हैं। स्टार्टअप ने हाल ही में सीरीज ए फंडिंग में 100 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। इस क्षेत्र में 8.3% निवेश SRAM और कृषि कंपनी MRAM ग्रुप द्वारा किया जाता है। हमने जैबर 365 की विशाल क्षमता को पहचाना।
लंदन से किया ग्रेजुएशन ( Graduated from London)
पर्ल कपूर लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी से एमएससी इन्वेस्टमेंट बैंकिंग (सीएफए पाथवे) ग्रेजुएट हैा। उन्हें वेब3 टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक इनोवेटर के रूप में पहचाना जाता है। Zyber 365 से पहले पर्ल कपूर ने एएमपीएम स्टोर में वित्तीय सलाहकार और एंटियर सॉल्यूशंस के लिए बिजनेस एडवाइजर के रूप में काम किया था। फरवरी 2022 में उन्होंने बिलियन पे टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड की नींव रखी थी।
क्या सोच रहते हैं पर्ल कपूर? ( What is Pearl Kapoor thinking)
पर्ल कपूर एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हैं जहां ब्लॉकचेन, एआई और साइबर सुरक्षा जैसी तकनीकें एक जगह होंगी। ये ऐसे टिकाऊ सॉल्यूशन देंगे जिनसे लोगों को सशक्त बनाया जा सकेगा। वह इसे ग्लोबलाइजेशन 3.0 का नाम देते हैं।