Declaration of war at Doon martyr site for restoration of old pension.
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन एनएमओपीएस ने पुरानी पेंशन की बहाली के लिए जिलाधिकारी कार्यालय स्थित शहीद स्थल में एक दिनी धरना कार्यक्रम आयोजित किया। धरने की अध्यक्षता करते हुए एनएमओपीएस जिला अध्यक्ष सुनील गुसाईं ने कहा कि सिक्किम में पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है। उत्तराखंड में पुरानी पेंशन बहाल होने तक संघर्ष जारी रहेगा। उत्तराखंड में विज्ञप्ति-अधिसूचना के आधार पर ओपीएस बहाल करने के कदम का भी स्वागत किया गया। महिला कर्मियों की ओर से संगठन के नेतृत्व पर भी धरने में विचार रखे गए।
संचालन इंजीनियर शांतनु शर्मा ने किया। धरने में प्रांतीय महामंत्री मुकेश रतूड़ी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमोहन सिंह रावत, प्रवक्ता सूर्य सिंह पंवार, महिला अध्यक्ष उर्मिला द्विवेदी, जिला सचिव हेमलता कजलिया, फार्मेसिस्ट संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुधा कुकरेती, वाहन चालक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष साबर सिंह रावत, एजुकेशनल मिनिस्ट्रियल संगठन के प्रांतीय महामंत्री साबर सिंह रौथाण, पर्वतीय कर्मचारी संगठन के संगठन मंत्री राकेश रावत, प्राथमिक शिक्षक संगठन के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र रावत, डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ के जिलाध्यक्ष इंजी सुरेन्द्र श्रीकोटी, सचिव आशीष यादव, शाखा अध्यक्ष डाक पत्थर प्रीतम तोमर, होशियार सिंह, संतोष गडोई, रुचि पैन्यूली, हरीश भट्ट, अंजू श्रीवास्तव मौजूद रहे।
प्रदेशभर में प्रदर्शन कर्मचारी एकजुट ( Demonstration workers united across the state)
पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारियों ने रविवार को प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन किए। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन के बैनर तले प्रदेश भर में कर्मचारी एकजुट हुए। हर जिला मुख्यालय पर धरना देकर सरकार पर ओपीएस बहाली को दबाव बनाया गया। एनएमओपीएस के प्रदेश अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली ने कहा कि सरकार को कर्मचारियों की भावनाओें का ध्यान रखना चाहिए। जिस कर्मचारी को सेवा में रहते हुए 50 हजार से लेकर एक लाख तक का वेतन मिल रहा है, अचानक रिटायर होते ही उसकी पेंशन एक हजार, दो हजार रुपये हो जाती है। महामंत्री मुकेश रतूड़ी ने कहा कि नई पेंशन योजना इतनी ही लाभदायक है, तो क्यों विधायक, सांसदों को इससे नहीं जोड़ा जा रहा है। एक साल के लिए भी विधायक, सांसद बनने वालों को जिंदगी भर पेंशन मिलती है।