AI is also becoming a problem for the police, cyber criminals are not being caught
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) न केवल कानून प्रवर्तन के लिए, बल्कि जनता के लिए भी चुनौती पेश करती है।
हालांकि राज्य में एआई आधारित धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन पुलिस अभी भी इन साइबर जालसाजों की पहचान नहीं कर पा रही है।
साइबर अपराधी आमतौर पर व्हाट्सएप के जरिए पीड़ितों से बड़ी रकम वसूलते हैं।
राज्य में अब तक फर्जी ऑडियो और वीडियो सिमुलेशन के मामले ही सामने आए हैं।
आवाज प्रतिरूपण में, साइबर अपराधी किसी व्यक्ति की आवाज का अनुकरण करते हैं, उस व्यक्ति के रिश्तेदारों से बात करते हैं और यह दावा करके भारी रकम वसूलते हैं कि उनका बेटा या अन्य रिश्तेदार मामले में शामिल हैं।
साइबर अपराधियों के शिकार अक्सर अपने रिश्तेदारों से सलाह किए बिना तुरंत साइबर अपराधियों के खाते में पैसे ट्रांसफर कर देते हैं।