Rahul Gandhi meets families of elephant attack victims in Wayanad, demands compensation
वीपी पॉल उनके टूरिस्ट गाइड थे और शुक्रवार को कुरुवा द्वीप पर जंगली हाथियों के हमले में उनकी मौत हो गई थी.
पॉल पर हाथियों के झुंड ने हमला कर दिया था. परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में ठीक से इलाज न मिलने के कारण उनकी जान नहीं बचाई जा सकी.
इसकी वजह से ज़िला मुख्यालय कालपेट्टा से 30 किलोमीटर दूर पुलपैल्ली में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गया.
इस घटना को लेकर प्रमुख दलों, कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ़्रंट (यूडीएफ़), सीपीएम नीत लेफ़्ट डेमोक्रेटिक फ़्रंट (एलडीएफ़) और भारतीय जनता पार्टी ने पूरे दिन के बंद का आह्वान किया था. इन राजनीतिक दलों की मांग है कि हाथियों के उत्पात और इंसानों को मारने की घटनाओं पर रोक लगनी चाहिए.
बीते 10 फ़रवरी को कर्नाटक के पास रेडियो कॉलर पहनाए गए एक हाथी ने एक व्यक्ति अजीश को मार डाला था.
केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमा पर घने जंगलों में हाथी और अन्य जंगली जानवर मुक्त रूप से घूमते हैं.
30 जनवरी को एक आदिवासी व्यक्ति लक्ष्मनन थोटपेट्टी में मारा गया था.
राहुल ने स्थानीय अधिकारियों के साथ मुलाक़ात की और बाद में पत्रकारों से कहा, “मेडिकल कॉलेज एक गंभीर मुद्दा है. मैंने प्रशासन से आज कहा है कि मैं समझ नहीं पाता कि यहां एक मेडिकल कॉलेज बनाने में इतना समय क्यों लग रहा है. यह बहुत कठिन नहीं है. यह दुखद है कि लोग अपनी जिंदगी गंवाते हैं और घायल होते हैं लेकिन यहां ठीक से एक मेडिकल कॉलेज भी नहीं है.”
“मैंने मुख्यमंत्री को लिखा और उनसे अपील की है कि इस मामले को देखें. यह मज़ाक बन गया है.”
उन्होंने मांग की कि मारे गए लोगों के परिवारों को तुरंत मुआवज़ा मिलना चाहिए.
राहुल ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.
रविवार को ही राहुल गांधी वायनाड से लौटे और यूपी के प्रयागराज में अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा को आगे जारी रखा.