देहरादून रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में देहरादून में सब रजिस्ट्रार-एक के पद पर कार्यरत रहे रामदत्त मिश्र को निलंबित किया जा चुका है। प्रकरण की गंभीरता और जांच की निष्पक्षता को देखते हुए फौरी तौर पर इसे उचित कदम माना जा सकता है। गौरतलब है कि सीएम धामी ने इस मामले में कड़े एक्शन की बात की थी। अब इस मामले में आगे की जांच की जा रही है।
देहरादून के सब रजिस्ट्रार कार्यालय में सामने आए रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में पहली गाज सब रजिस्ट्रार रामदत्त मिश्र पर गिरी है। महानिरीक्षक निबंधन (आइजी स्टांप) डा. अहमद इकबाल ने उन्हें निलंबित करते हुए सहायक महानिरीक्षक निबंधन दून के कार्यालय से अटैच कर दिया है।
देहरादून के सब रजिस्ट्रार-एक के जिस कार्यालय की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा पाया गया है, रामदत्त मिश्र पूर्व में वहां सब रजिस्ट्रार रह चुके हैं। महानिरीक्षक निबंधन के आदेश के मुताबिक, सब रजिस्ट्रार रामदत्त पर सत्यनिष्ठा के साथ कर्तव्यों का निर्वहन न करने का आरोप है। साथ ही यह भी प्रकाश में आया है कि उन्होंने शासन के नियमों की भी अनदेखी की है।
दरअसल, जिन रजिस्ट्रियों में फर्जीवाड़ा पाया गया है, उनसे संबंधित बही संख्या-आठ को वर्ष 2016 में विनिष्ट कर दिया गया था। इसे उच्चधिकारियों ने नियमों की अनदेखी माना है। आदेश के मुताबिक, रामदत्त पर गंभीर प्रकृति के आरोप हैं, जिसके चलते उन्हें दीर्घ शास्ति दी जा सकती है। निलंबन के साथ सब रजिस्ट्रार को आरोप पत्र जारी करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है। हालांकि, इसका आदेश पृथक से जारी किया जाएगा।
यह है रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा:
हाल में जिलाधिकारी सोनिका के संज्ञान में आया था कि सब रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकार्ड रूम में रजिस्ट्रियों में छेड़छाड़ करने के साथ स्वामित्व बदल दिए गए हैं। वहीं, कुछ मूल अभिलेख भी गायब पाए गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए रजिस्ट्री कार्यालय का निरीक्षण कर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। जिसके क्रम में प्रकरण में मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है। इनमें से एक प्रकरण में राजस्व के अभिलेखागार से भी रिकार्ड गायब करने का पता चला है।