प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लेकर सक्रियता बढ़ गई है। समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने के लिए नई दिल्ली में विशेषज्ञ समिति की बैठकों का दौरा जारी है।
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली प्रवास के दौरान विशेषज्ञ समिति के साथ इस विषय पर बैठक कर चर्चा कर सकते हैं।
प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 27 मई 2022 को समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया, जिसमें चार सदस्य शामिल किए गए।
बाद में इसमें सदस्य सचिव को भी शामिल किया गया। इस समिति का कार्यकाल दो बार बढ़ाया गया। इसी वर्ष मई में इसका कार्यकाल चार माह के लिए बढ़ाया गया। विशेषज्ञ समिति के 13 माह के कार्यकाल में अभी तक 63 बैठकें हो चुकी हैं और समिति को 2.30 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं।
समिति ने अपने कार्यकाल में विभिन्न धर्मों, समुदाय व जनजातियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने के साथ ही प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जाकर स्थानीय व्यक्तियों से भी सुझाव लिए हैं। समिति प्रवासी उत्तराखंडियों के साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों से भी इस संबंध में सुझाव ले चुकी है।
समिति ने संहिता का ड्राफ्ट पहले जून अंत तक सरकार को सौंपनी था, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है। गत 23 जुलाई को नई दिल्ली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ इस विषय पर लंबी बैठक की थी।
इस बैठक में समिति की अध्यक्ष व सदस्य भी मौजूद रहे। इस बैठक में हुई चर्चा के बाद समिति ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने जा रही है। माना जा रहा है कि सोमवार को मुख्यमंत्री केंद्रीय नेतृत्व के अलावा विशेषज्ञ समिति के साथ भी इस विषय पर बैठक कर सकते हैं।