उत्तर प्रदेश, हरियाणा व बिहार के मरीजों के इलाज पर खर्च हुए दून मेडिकल कालेज के करीब डेढ़ करोड़ रुपये अटक गए हैं। इन सभी मरीजों का आयुष्मान योजना के तहत निशुल्क उपचार किया गया, पर पिछले करीब सात माह से इन राज्यों से क्लेम का भुगतान नहीं किया गया। कालेज प्रबंधन तीन बार रिमाइंडर भेज चुका है, पर कोई रिस्पांस नहीं मिला।
आयुष्मान योजना के लाभार्थियों की काफी तादाद
दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय प्रदेश के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में शुमार है। जहां न केवल शहर, बल्कि पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों से भी मरीज उपचार के लिए आते हैं। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों व दून में बसे अन्य राज्य के लोग भी यहां आते हैं। इनमें आयुष्मान योजना के लाभार्थियों की भी अच्छी खासी तादाद है।
रोजाना 10-15 मरीजों के होते हैं निशुल्क उपचार
उत्तर प्रदेश के ही औसतन 10-15 मरीज यहां हर दिन योजना के तहत निशुल्क उपचार लेते हैं। इसके अलावा अस्पताल ने बिहार व हरियाणा के भी कई मरीजों को योजना के तहत उपचार दिया, पर इन राज्यों ने पिछले करीब सात माह से क्लेम का भुगतान नहीं किया है।
दून अस्पताल में आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी डा. धनंजय डोभाल ने बताया कि ऐसे करीब 270 मामले हैं, जिनका करीब डेढ़ करोड़ रुपये का बकाया है। ज्यादातर मामले कीमोथेरेपी, डायलिसिस आदि के हैं। संबंधित राज्यों के इस संबंध में कई बार रिमाइंडर भेजा जा चुका है, पर कोई रिस्पांस नहीं मिला। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को भी पत्र भेजा गया है।
सिर्फ इमरजेंसी में इलाज
दून मेडिकल कालेज अस्पताल में उत्तर प्रदेश, बिहार व हरियाणा के आयुष्मान कार्डधारकों के इलाज पर इस कारण अडंगा लग गया है। बकाया भुगतान नहीं होने पर इन्हें सिर्फ इमरजेंसी में ही इलाज दिया जा रहा है। अगर इमरजेंसी नहीं है तो मरीज को वापस किया जा रहा है।
पहले लिया उपचार, बाद में कार्ड
उत्तर प्रदेश में आयुष्मान के कई फर्जी कार्ड भी पकड़े गए हैं। जिनमें असल लाभार्थी के नाम पर किसी अन्य ने कार्ड बनवाया हुआ था। मामला सामने आने के बाद बड़ी संख्या में कार्ड निरस्त किए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, ऐसे कई कार्डधारक दून मेडिकल कालेज में भी उपचार ले चुके हैं। जिन्होंने यहां आयुष्मान के तहत शुरुआती चरण में डायलिसिस आदि कराई, पर बाद में इनका कार्ड ब्लाक हो गया।