उत्तराखंड में वन भूमि पर अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई में सुस्त पड़े वन विभाग की नींद टूट गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सख्ती के बाद प्रदेश में सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराने की कवायद तेज हो गई है। बीते तीन दिनों में करीब 280 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटा दिया गया है। शुक्रवार को अकेले पश्चिमी वृत्त में 190 एकड़ भूमि से कब्जा हटाया गया।
प्रदेश में वन भूमि पर किए गए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई तेज हो गई है। वन क्षेत्र में सरकारी भूमि पर खेती किए जाने और अवैध निर्माण किए जाने की सूचना पर वन विभाग का अभियान तेज हो गया है। शुक्रवार को हल्द्वानी स्थित पश्चिमी वृत्त के अंतर्गत हल्द्वानी, रामनगर, तराई वन प्रभाग के क्षेत्रों में 223 एकड़ वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराते हुए अतिक्रमणकारियों को जंगल से खदेड़ दिया।
युद्ध स्तर पर चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान पर प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक खुद नजर रख रहे हैं। साथ ही मुख्यमंत्री को भी लगातार अभियान की जानकारी दी जा रही है। अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि पिछले तीन दिन में सेटेलाइट साक्ष्यों के आधार पर अतिक्रमण चिह्नित कर भूमि मुक्त कराई जा रही है।
बताया कि करीब हर घंटे तीन एकड़ वनभूमि से कब्जा हटाया जा रहा है। राजाजी टाइगर रिजर्व से भी ढाई एकड़ वन भूमि खाली करवाई गई है। इसके अलावा केदारनाथ वन प्रभाग में राष्ट्रीय राजमार्ग 109 के मध्य दुग्तम तोक वन पंचायत मरोडा (दिवालीखाल) में अतिक्रमण का प्रयास कर ढाबा निर्माण का कार्य रुकवाया और लोहवा वन क्षेत्र गैरसैंण के वन कर्मियों ध्वस्त किया। इसके अतिरिक्त गढ़वाल वन प्रभाग में भी वन भूमि पर बनीं 10 दुकानें हटाई गईं।