विधानसभा सत्र के तीसरे दिन भी शुक्रवार को सदन में विशेषाधिकार हनन का मामला उठने पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने कड़ा रुख अपनाया। पीठ के बार-बार निर्देशों के बाद भी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के प्रति आला अधिकारियों के उपेक्षापूर्ण रवैये को उन्होंने शर्मनाक और निराशाजनक बताते हुए तीखी टिप्पणी की।
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक एवं अन्य आला अधिकारियों के रवैये में बदलाव के लिए उनके प्रशिक्षण में सुधार की आवश्यकता जताई। विधानसभा की ओर से इस संबंध में प्रशिक्षण संस्थानों को पत्र पत्र भेजा जाएगा। उन्होंने मुख्य सचिव डा एसएस संधु को बुलाकर इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए।
विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में बार-बार विशेषाधिकार हनन के मामले उठने पर नाराज हो गईं। उन्होंने कहा कि विधायक निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं। उनके प्रोटोकाल को ताक पर नहीं रखा जा सकता। उत्तराखंड जैसी संस्कारों की धरती पर, जहां देवता निवास करते हैं, एकदूसरे को सम्मान नहीं देना बहुत ही निराशाजनक एवं शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी, डा आरएस टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी, नैनीताल समेत अधिकारियों एवं अभियंताओं के प्रशिक्षण से जुड़े संस्थानों को पत्र भेजे जाएंगे, ताकि उन्हें प्रोटोकाल का पालन करने के बारे में भी प्रशिक्षण मिल सके।
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक प्रीतम सिंह ने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखते हुए पीएमजीएसवाइ के मुख्य अभियंता आरपी सिंह के रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने बीते माह अगस्त की 25 व 26 तारीख को फोन काल का ब्योरा सदन में रखा। उन्होंने बताया कि बार-बार फोन करने के बावजूद मुख्य अभियंता बात करने से बचते रहे। कई बार काल के बाद उन्होंने फोन पर वार्ता में 26 अगस्त को अपनी उपस्थिति को लेकर भ्रामक जानकारी दी। उन्होंने आरोप लगाया कि अदृश्य शक्ति का अधिकारियों को संरक्षण मिल रहा है। इस कारण विधायकों के प्रोटोकाल का पालन नहीं किया जाता। इस संबंध में पीठ के निर्देशों का अनुपालन कराने में सरकार विफल रही है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने इसे बेहद गंभीर मामला बताया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों का यह रवैया लोकतंत्र के लिए घातक है। इससे भविष्य में वाद-विवाद बढ़ा तो सरकार जिम्मेदारी से बच नहीं सकती है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और प्रीतम सिंह ने प्रोटोकाल के पालन को लेकर पीठ के निर्देशों का स्वागत किया। उधर, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने दोपहर भोजनावकाश के अपने कक्ष में मुख्य सचिव डा संधु को बुलाकर विधायकों के प्रोटोकाल का सम्मान करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज भी उपस्थित रहे।