राज्य में मच्छरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। डेंगू के मरीजों की संख्या बीते पांच दिनों में 527 से बढ़कर 789 पहुंच चुकी है। पांच दिन पूर्व तीन सितंबर तक जहां महज 16 जिलों तक डेंगू का प्रसार था, गुरुवार तक यह गोड्डा को छोड़कर राज्य के 23 जिलों में फैल चुका है।
डॉक्टरों के अनुसार, मरीज में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर डेंगू का इलाज किया जाता है, लेकिन मरीज की स्थिति गंभीर होने पर शरीर में प्लेटलेट की संख्या घटने लगती है, तब मरीज को प्लेटलेट चढ़ाना जरूरी हो जाता है, अन्यथा मौत हो सकती है। जबकि, डेंगू के उपचार में अति महत्वपूर्ण प्लेटलेट की उपलब्धता की बात करें तो राज्य के 21 जिलों में यह नदारद है। मरीजों को प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य के मात्र तीन जिले, रांची, पूर्वी सिंहभूम और धनबाद के ब्लड बैंक में ब्लड कंपोनेट सेपरेशन की सुविधा है। प्लेटलेट एक ऐसा कंपोनेंट है, जिसे दूसरे जिलों से ले जाकर भी नहीं रखा जा सकता है। प्लेटलेट तैयार होने के महज पांच दिनों के अंदर ही इसका उपयोग किया जा सकता है। डॉ विद्यापति के अनुसार, डेंगू पीड़ित करीब 90 फीसदी मरीजों का प्लेटलेट काउंट करीब एक लाख होता है, जबकि केवल 10-20 प्रतिशत मरीजों का ही प्लेटलेट्स 20 हजार या उससे कम होता है, जो खतरनाक स्थिति होती है।
ऐसे मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ता है और उन्हें आमतौर पर प्लेटलेट्स चढ़ाया जाता है। प्लेटलेट्स काउंट कम होने से नाक और मसूड़ों से खून आना, मल और मूत्र से खून आना, पीरियड में भारी ब्लीडिंग, स्किन पर चकत्ते और लाल धब्बे जैसी गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है। कई बार इंटरनल ब्लीडिंग का भी खतरा रहता है और इससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है।
खून में प्लेटलेट कम होने पर ये भी हैं लक्षण
गंभीर डेंगू होने पर रक्तस्रावी बुखार या डीएचएफ होने का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति में खून में प्लेटलेट की संख्या कम हो जाती है। इस दौरान कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
डेंगू के क्या हैं लक्षण
डेंगू के लक्षण इसकी गंभीरता के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। बच्चों और किशोरों में संक्रमित होने के बाद आमतौर पर 4 से 7 दिनों के अंदर डेंगू के लक्षण नजर आने लगते हैं। पेट में तेज दर्द, लगातार उल्टी होना, मसूड़ों या नाक से खून आना, सांस लेने में कठिनाई होना, बेचैनी और चिड़चिड़ापन होना, थकान और कमजोरी महसूस करना, पेशाब, मल या उल्टी के साथ खून आना,त्वचा के नीचे रक्तस्राव होना (यह चोट जैसा नजर आ सकता है)
रामगढ़ के गोला में डेंगू से महिला की मौत
गोला प्रखंड के चाड़ी गांव निवासी रजीना खातून (23) की शुक्रवार को मौत हो गई। महिला का इलाज गोला के एक निजी अस्पताल में चल रहा था, जांच रिपोर्ट के अनुसार महिला की मौत का कारण डेंगू बताया जा रहा है। वह पति के साथ जमशेदपुर मानगो में रहती थी। वहीं से डेंगू होने की बात कही जा रही है। उधर, सीएचसी के चिकित्सा प्रभारी डॉ शमीम अख्तर ने बताया कि जमशेदपुर मानगो में जिस एरिया में महिला रहती थी, उस एरिया में व्यापक तौर पर डेंगू फैला हुआ है। महिला का डेंगू जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आया था। का प्लेटलेट्स काफी कम होने से वह कमजोर हो गयी थी। रिम्स रेफर किया गया था।