G-20 होने के बाद नोयडा में अब फिर से स्कूल बंद पेरेंट्स ने गुस्से में ये क्या कर दिया ?
After G-20, schools are closed again in Noida. What did the parents do out of anger?
जी-20 के दौरान दिल्ली-नोएडा और ग्रेटर नोएडा के स्कूल तीन दिन तक बंद थे, अब एक बार फिर 22 सितंबर को नोएडा और ग्रेटर नोएडा के सभी स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया गया है. स्कूलों को बार-बार बंद किए जाने के बाद माता-पिता परेशान हैं. पेरेंट्स अपने बच्चों की खराब हो रही पढ़ाई को लेकर परेशान हैं. बार-बार स्कूलों को बंद किए जाने पर रोक लगाने को लेकर अब ऑनलाइन कैंपेन चलाया गया है. ऐसी प्रैक्टिस पर मांग करने वाली एक याचिका ऑनलाइन जारी की गई है, जिसे माता-पिता के सोशल मीडिया समूहों के बीच काफी शेयर किया जा रहा है.
दरअसल, अभिभावक बच्चों की पढ़ाई को लेकर परेशान हैं, पहले जी20 शिखर सम्मेलन, दनकौर द्रोणाचार्य मेले और अब मोटो जीपी और व्यापार मेले के कारण सभी निजी और सरकारी स्कूल छात्रों के लिए बंद रहेंगे. गौतमबुद्ध नगर पेरेंट्स वेलफेयर सोसाइटी के उपाध्यक्ष योगेश भागौर ने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रशासन इतने कम समय में स्कूलों को बंद करने का आदेश दे रहा है. द्रोणाचार्य मेले के कारण स्कूल बंद होने की सूचना रात में 9.30 बजे हमारे पास पहुंची. इससे न केवल बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी बल्कि कामकाजी माता-पिता और छात्रों की दिनचर्या खराब हो गई है.”
योगेश ने कहा, “मेरे दो बच्चे पांचवीं और सातवीं कक्षा में हैं. पढ़ाई उनके लिए काफी गंभीर हो गई है और स्कूलों के बार-बार अनावश्यक रूप से बंद होने से छात्रों पर अपना पाठ्यक्रम समय पर पूरा करने का बोझ बढ़ रहा है. शुक्रवार को मेरे बच्चे की परीक्षा थी.” जिसे सोमवार के लिए री-शेड्यूल किया गया है. अब मुझे उस दौरान शहर से बाहर जाना था, ऐसे फैसले डेली लाइफ के पूरे फ्लो को खराब करती है.”
नोएडा के एक अन्य अभिभावक, मनोज कटारिया ने कहा, “हम सभी निजी क्षेत्र के कर्मचारी हैं और हर दिन की योजना बनाई जाती है. अगर स्कूल इसी तरह बंद रहते रहे, तो यह कामकाजी कपल्स का डेली रूटीन खराब कर देगा. माता-पिता और बच्चे दोनों को इससे परेशानी होती है.”
वहीं ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 10वीं कक्षा के एक छात्र के पिता नीरज जोशी का दावा है कि स्कूल लगातार बंद होने के कारण हाईस्कूल के छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. उन्होंने कहा, “कक्षा 10वीं से 12वीं का समय छात्रों के साथ-साथ उनके माता-पिता के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है. प्रशासन को समझना चाहिए कि छात्र किस दबाव से गुजर रहे हैं. हर अभिभावक चाहता है कि उसका बच्चा बेहतर प्रदर्शन करे और अपनी पढ़ाई समय पर पूरी करे. हालांकि, पिछले साल पाठ्यक्रम पूरा नहीं हुआ था. लगातार अभूतपूर्व छुट्टियों की इस गति में, कोई समय पर पाठ्यक्रम कैसे पूरा कर सकता है.