French President Emmanuel Macron ready to remove his ambassador and army from Niger
हाइलाइट्स ( highlights)
- फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों नाइजर से अपने राजदूत और सेना को हटाने के लिए तैयार
- नाइजर में तख्तापलट के बाद नए सैन्य तानाशाह ने फ्रांस को राजदूत और सेना को हटाने के लिए कहा था
- मैक्रों इसके लिए तैयार नहीं थे लेकिन अब दबाव के बाद वह मानने के लिए मजबूर हो गए हैं
पेरिस: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों करीब दो महीने तक प्रतिरोध के बाद नाइजर से अपने राजदूत और फ्रांसीसी सेना को हटाने के लिए तैयार हो गए हैं। पश्चिमी अफ्रीकी देश नाइजर में तख्तापलट के बाद नए सैन्य तानाशाह ने फ्रांस को अपने राजदूत और सेना को हटाने के लिए कहा था। मैक्रों इसके लिए तैयार नहीं थे लेकिन अब दबाव के बाद वह मानने के लिए मजबूर हो गए हैं। इससे पहले तख्तापलट के दौरान नाइजर की सेना ने फ्रांस समर्थक राष्ट्रपति को सत्ता से हटा दिया था।
फ्रांस के राष्ट्रपति ने अपने सैनिकों को हटाने का ऐलान किया है। मैक्रों ने कहा, ‘फ्रांस ने अपने राजदूत को हटाने का फैसला किया है।’ उन्होंने कहा कि अगले कुछ घंटे में हमारे राजदूत और अन्य राजनयिक फ्रांस वापस लौट आएंगे। नाइजर की सेना ने फ्रांसीसी विमानों को अपने हवाई क्षेत्र से उड़ने पर रोक लगा दी है। अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि नाइजर की सेना फ्रांसीसी विमानों को राजदूत को वापस ले जाने के लिए अनुमति देंगे या नहीं।
फ्रांस के फैसले पर क्या बोली नाइजर की सेना ? ( What did Niger’s army say on France’s decision)?
राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि आने वाले कुछ महीने या कुछ सप्ताह के अंदर सैनिकों को हटाया जाना शुरू होगा और साल के आखिर तक पूरी तरह से सैनिकों को हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम विद्रोहियों के साथ सलाह करेंगे क्योंकि हम चाहते हैं कि यह शांतिपूर्ण तरीके से हो जाए। नाइजर के सैन्य शासकों ने फ्रांस के इस बयान पर बहुत तेजी से अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा, ‘इस रविवार को हम जश्न मनाएंगे। नाइजर की संप्रभुता की दिशा में एक नया कदम है।’
इससे पहले नाइजर की सेना ने 26 जुलाई को तख्तापलट करके राष्ट्रपति मोहम्मद बाजोम को पद से हटा दिया था। नाइजर की सेना ने अपने बयान में कहा, ‘यह ऐतिहासिक मौका है जो नाइजर की जनता के दृढ़ निश्चय और इच्छाशक्ति को दर्शाता है।’ बता दें कि फ्रांस के 1500 सैनिक नाइजर में तैनात हैं जो अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में एंटी जिहादी अभियान के लिए हैं। मैक्रों ने कहा कि तख्तापलट के बाद उनका देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ना चाहता है। इससे पहले नाइजर की सेना ने फ्रांस के राजदूत को 48 घंटे के अंदर चले जाने के लिए कहा था लेकिन 2 महीने बाद भी वह नाइजर में बने हुए हैं।
शैलेश कुमार शुक्ला, पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई और अमर उजाला से पत्रकारिता की शुरुआत की। वार्ता, पीटीआई भाषा, अमर उजाला, नवभारत टाइम्स ऑनलाइन में करीब 14 साल काम का अनुभव है। इंटरनैशनल डेस्क पर कार्यरत हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति, घटनाक्रम, विज्ञान, रक्षा, पर्यावरण जैसे विषयों के बारे में जानने और लिखने की हमेशा ललक रही है। जीवन में हर दिन कुछ नया करने की चाहत रखते हैं