Shocking news: 12th class youth had fled to America, returned after doing a lot of jobs and set up a company worth Rs 1 lakh crore.
Success Story: पैसा कमाने और पहचान बनाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है. लेकिन, सफलता की राह इतनी आसान नहीं होती है क्योंकि इस रास्ते पर कई असफलताएं आपका इंतजार करती हैं. फिर भी कुछ लोग धुन के इतने पक्के होते हैं कि आखिरकार कामयाबी के शिखर पर पहुंच जाते हैं. हम आपको एक ऐसे ही शख्स की कहानी सुना रहे हैं जिन्होंने 12वीं फेल होने के बावजूद 1 लाख करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी.
अपने दवा बनाने वाली कंपनी डिवीज लैब के बारे में जरूर सुना होगा, लेकिन क्या आप इस कंपनी के फाउंडर मुरली डिवी के बारे में जानते हैं. आखिर कैसे उन्होंने इस कंपनी को खड़ा किया. यकीन मानिए उनके संघर्ष और मेहनत की कहानी सुनकर आपको भी जिंदगी में कुछ बड़ा करने की प्रेरणा मिलेगी.
10,000 की पेंशन पर चलता था परिवार
मुरली डिवी आंध्र प्रदेश के एक छोटे-से शहर से ताल्लुक रखते हैं. उनका बचपन आर्थिक तंगी में गुजरा क्योंकि, उनके पिता साधारण से कर्मचारी थे और मामूली-सी तनख्वाह में 14 सदस्यीय परिवार का भरण-पोषण करते थे. अब वक्त का तकाजा देखिये कि मुरली डिवी अपने कंपनी के जरिए हजारों कर्मचारियों को परिवार चलाने के लिए रोजगार दे रहे हैं.
अरबों रुपये की फर्म को खड़ा करने वाले मुरली डिवी कक्षा 12वीं में दो बार फेल हो गए थे. लेकिन, नाकामयाब होने पर भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपना भविष्य बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते रहे. महज 25 साल की उम्र में 1976 में मुरली डिवी अमेरिका चले गए. यहां उन्होंने फार्मासिस्ट के तौर पर काम करना शुरू किया. फोर्ब्स इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जिस समय मुरली डिवी अमेरिका रवाना हुए थे तब उनके हाथ में केवल 500 रुपये थे.
पहली नौकरी में कमाए 250 रुपये
अमेरिका में उन्होंने नौकरी करके हर साल लगभग $65000 यानी 54 लाख रुपये कमाए. इस दौरान मुरली डिवी ने कई कंपनियों के साथ काम किया. पहली जॉब में उन्हें 250 रुपये मिले. कुछ वर्षों तक काम करने के बाद उन्होंने भारत आने का फैसला किया. उस वक्त उनके पास 33 लाख रुपये थे. वे भारत लौट आए लेकिन उन्होंने यह तय नहीं किया कि उन्हें क्या करना है.
भारत लौटकर शुरू किया कारोबार
साल 1984 में मुरली डिवी ने फार्मा सेक्टर के लिए केमिनोर बनाने के लिए कल्लम अंजी रेड्डी से हाथ मिलाया, जिसका 2000 में डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ विलय कर दिया गया. इस दौरान डॉ. रेड्डीज लैब्स में 6 वर्षों तक काम करने के बाद, मुरली डिवी ने 1990 में डिवीज लैबोरेटरीज लॉन्च की. उन्होंने दवाओं के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले API यानी कच्चे माल का कारोबार शुरू किया. 1995 में मुरली डिवी ने अपनी पहली मैन्युफक्चरिंग यूनिट चौटुप्पल, तेलंगाना में स्थापित की. 2002 में, उन्होंने विशाखापत्तनम के पास कंपनी की दूसरी यूनिट शुरू की.
आज डिविज़ लैब्स फार्मा सेक्टर में API बनाने वाली शीर्ष तीन कंपनियों में से एक है और इसका बाजार पूंजीकरण लगभग 1 लाख करोड़ रुपये है. हैदराबाद स्थित डिवीज़ लैबोरेट्रीज़ ने मार्च 2022 में 88 बिलियन रुपये का राजस्व दर्ज किया.