Strong earthquake hits Delhi-NCR, huge explosion
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में रविवार को भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए हैं और ये इतने तेज थे कि घबराए लोग अपने घरों- बिल्डिंग्स से बाहर निकल आए. दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद समेत हरियाणा के अन्य शहरों में धरती हिलने की खबर है. हालांकि भूकंप में किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है. छुट्टी के दिन होने के कारण लोग घरों में ही थे और अचानक कंपन महसूस होने पर वे सभी बाहर की ओर भागे. भूकंप के बाद से हर कोई अपनी जान माल को लेकर चिंतित रहता है.
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, शाम 4:08 बजे फरीदाबाद क्षेत्र में 10 किमी की गहराई पर 3.1 तीव्रता का भूकंप आया. इससे पहले 3 अक्टूबर को नेपाल में 6.2 तीव्रता का भूकंप आने के बाद दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में तेज झटके महसूस किए गए थे. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा था कि भूकंप का केंद्र काठमांडू से 700 किमी पश्चिम में बाझांग जिले के तालकोट इलाके में दोपहर 2.40 बजे दर्ज किया गया था.
दिल्ली में 4 या 4.5 तीव्रता वाले भूकंप आते रहे हैं (Earthquakes of magnitude 4 or 4.5 have been occurring in Delhi.
दिल्ली क्षेत्र के लिए 4 या फिर 4.5 तीव्रता के भूकंप बहुत आम हैं. पिछले 100 सालों में दिल्ली में लगभग 25 से 30 ऐसे भूकंप आ चुके हैं, जिनमें कोई खास नुकसान नहीं हुआ है. ऐसे में अगर दिल्ली-एनसीआर में 5 की तीव्रता से कम के भूकंप आते हैं तो दिल्ली-एनसीआर वालों को ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है. हालांकि, भूकंप आने पर एहतियात बरतने की जरूरत है. इस बार भी दिल्ली में जो दो भूकंप आए हैं, उसमें किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है.
दिल्ली-एनसीआर में भूकंप आने की ऐसी हैं वजहें (These are the reasons for earthquake in Delhi-NCR)
दिल्ली-एनसीआर सिस्मिक जोन 4 में आता है. ऐसा कहा जाता है कि यह भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील होता है. दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटकों की वजह भूगर्भ से तनाव ऊर्जा उत्सर्जन है. दिल्ली-एनसीआर के नीचे 100 से ज्यादा लंबी और गहरी फॉल्ट्स हैं. इनमें से कुछ दिल्ली-हरिद्वार रिज, दिल्ली-सरगोधा रिज और ग्रेट बाउंड्री फॉल्ट पर हैं. इनके साथ ही कई सक्रिय फॉल्ट्स भी इनसे जुड़ी हुई हैं. बार बार दिल्ली के कांपने की तीसरी बड़ी वजह एक तो राजधानी दिल्ली दुनिया की सबसे बड़े पहाड़ हिमालय के सबसे नजदीक है और दूसरा यह अरावली पर्वतमाला के अंतिम सिर पर है और दिल्ली की सबसे बड़ी चिंता और खतरा इसकी बसावट है. यही कारण है कि इस इलाके में बार-बार भूकंप के झटके महसूस होते हैं.
यूपी में 61 जिले हाई रिस्क जोन में (61 districts in UP are in high risk zone)
आईआईटी कानपुर के अर्थ साइंस विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर जावेद मलिक ने बताया कि भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है. यूपी में भूकंप के दृष्टिकोण से 61 जिले हाई रिस्क जोन पर है जहां पर भूकंप आने की आशंका हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी है और जब ये आपस में एक-दूसरे से टकराती हैं या एक-दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती है तो धरती हिलने लगती है और इसे भूकंप कहते हैं. प्लेट्स एक-दूसरे से रगड़ खाने पर ऊर्जा निकलती है. इसके कारण धरती में दरारे तक आ जाती हैं. भूकंप की घटना के बाद कुछ दिन या हफ्तों तक हल्के झटके आते रहते हैं, इन्हें आफ्टरशॉक कहते हैं.