Direct benefit to borrowers, if banks act arbitrarily, customers will get Rs 5000 every day
नई दिल्ली. अगर आपके पास होम या फिर किसी अन्य तरह का कर्ज है तो आपके लिए थोड़ी खुशखबरी है. अब आपके द्वारा लोन चुकता किए जाने के बाद 30 दिन के अंदर गिरवी रखे गए सामान के दस्तावेज आपको वापस कर दिए जाएंगे. आरबीआई ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) के लिए नए निर्देश जारी किए हैं. नए नियम 1 दिसंबर 2023 से लागू होंगे. आरबीआई ने 13 सितंबर को जारी एक नोटिफिकेशन में यह घोषणा की है.
बकौल आरबीआई, बैंक और एनबीएफसी को उन चल-अचल संपत्ति के दस्तावेजों को कर्ज चुकता होने के 30 दिन के अंदर ग्राहक को लौटाना होगा जिन्हें गिरवी रखा गया था. अभी तक होता यह थी हर बैंक व एनबीएफसी अपने-अपने तरीके और टाइम से कर्जदारों को दस्तावेज लौटाते थे. इससे ग्राहकों के बीच काफी असंतोष पैदा हो रहा था. इसी को ध्यान में रखते हुए आरबीआई नए नियम के साथ आया है. होम लोन के लिए अक्सर घर ही गिरवी होता है. वहीं, पर्सनल लोन के लिए बैंक इंश्योरेंस पॉलिसी, शेयर या सिक्योरिटीज को गिरवी रख लेते हैं.
और क्या बदलेगा?
आररबीआई के निर्देशों के मुताबिक, अगर कर्जदाता 30 दिन के अंदर कर्जदार को दस्तावेज वापस नहीं करते हैं तो 5000 रुपये प्रति दिन का जुर्माना बैंक पर लगता जाएगा. यह पैसा सीधे कर्जदार के पास जाएगा. ग्राहकों के पास यह विकल्प होगा कि वह दस्तावेजों को उस शाखा से कलेक्ट करे जहां से लोन पास या फिर किसी भी अन्य ब्रांच से जहां दस्तावेज मौजूद हैं. अगर कर्जदार की मौत हो जाती है तो बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि दस्तावेज बगैर किसी परेशानी के कानूनी वारिस के हाथों में पहुंच जाएं.
ऐसे भी मिलेगा फायदा
दस्तावेज को रिटर्न करने की टाइमलाइन और जगह को लोन सेंक्शन वाले लेटर में दर्ज किया जाना चाहिए. अगर दस्तावेज को किसी तरह की क्षति पहुंचती है तो कर्जदाता यह सुनिश्चित करेगा कि ग्राहक को सर्टिफाइड-डुप्लीकेट कागजात बगैर किसी अतिरिक्त फीस के दिए जाएं. हालांकि, इस मामले में डेडलाइन और 30 दिन बढ़ जाएगी. यानी अब बैंक व एनबीएफसी के पास दस्तावेज लौटाने के लिए 60 दिन का समय होगा जिसके बाद उन पर 5000 रुपये प्रति दिन का जुर्माना लगने लगेगा.