नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों का धरातल पर परिणाम दिखने लगा है। उत्तराखंड में ग्रिड कनेक्टेड रूफटाप सोलर पावर प्लांट योजना में लोग खासी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
सरकार की ओर से भी 70 प्रतिशत सब्सिडी देकर घर-घर सोलर की परिकल्पना को धरातल पर उतारने का प्रयास किया जा रहा है। बेहर सोलर प्रक्रिया के तहत कोई भी घरेलू उपभोक्ता अपनी छत पर सोलर प्लांट लगा सकता है। प्रदेश में हर माह ऊर्जा निगम को एक हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हो रहे हैं।
देशभर में सौर ऊर्जा को अपनाने का चलन बढ़ा:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर देशभर में सौर ऊर्जा को अपनाने का चलन बढ़ रहा है। इसके लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से ग्रिड कनेक्टेड रूफटाप सोलर पावर प्लांट योजना शुरू की गई है। इसे उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चलाया जा रहा है। योजना के तहत उपभोक्ता को केंद्र सरकार की ओर से 35 प्रतिशत और राज्य सरकार की ओर से 35 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।
साथ ही आसान पंजीकरण प्रक्रिया और प्लांट स्थापित करने में त्वरित कार्रवाई से उपभोक्ताओं को लाभान्वित किया जा रहा है। विद्युत आवश्यकता और छत के क्षेत्रफल के आधार पर एक किलोवाट से 10 किलोवाट तक के सोलर प्लांट आसानी से लगाए जा सकते हैं।
आवेदन की सरल प्रक्रिया
ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि इस योजना के लिए केंद्र सरकार के पोर्टल www.solarrooftop.gov.in पर जाएं और पंजीकरण कराएं।
इसके लिए आपको घर का बिजली का बिल और अपने आधार कार्ट की कापी सबमिट करनी होगी।
इसके बाद उत्तराखंड ऊर्जा निगम की टीम आपके घर आकर टेक्निकल फिजिबिलिटी रिपोर्ट (टीएफआर) तैयार करेगी। जिसमें छत का एरिया, प्लांट लगाने की दिशा समेत अन्य पहलुओं को देखा जाएगा।
रिपोर्ट सबमिट होने के कारण आपको क्षेत्र के वेंडरों की लिस्ट उपलब्ध कराई जाएगी। जिसमें आप प्लांट स्थापित करने से सबसे कम दर वाले वेंडर को चुन सकते हैं।
इसके बाद प्लांट स्थापित होने पर ऊर्जा निगम, वेंडर और उपभोक्ता तीनों को वर्क कंप्लीशन सर्टिफिकेट पर हस्ताक्षर करने होंगे। यह सर्टिफिकेट केंद्र सरकार के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा और सब्सिडी का पैसा सीधे उपभोक्ता के खाते में आएगा।
इतनी दी जाएगी सब्सिडी:
केंद्र सरकार की ओर से एक किलोवाट से 10 किलोवाट तक प्लांट पर प्रति किलोवाट 17662 रुपये सब्सिडी दी जाएगी। जबकि राज्य सरकार की ओर से एक किलोवाट से तीन किलोवाट तक 17662 रुपये और तीन किलोवाट से अधिक के प्लांट पर प्रति किलोवाट 8831 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
तीन किलोवाट के प्लांट में मिलेगी 4000 मेगावाट बिजली सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए छत में 100 फीट प्रति किलोवाट स्थान चाहिए।
तीन किलोवाट के प्लांट से वर्षभर में करीब 4000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। इसमें उपभोक्ता अपनी जरूरत की बिजली का उपभोग कर नेट मीटरिंग के जरिये ऊर्जा निगम को भी बेच सकता है।
प्लांट सामान्यत: 25 वर्ष तक कार्य करता है। इसमें वेंडर की ओर से भी 10 वर्ष की गारंटी दी जाती है।