देहरादून में तीव्र बौछारों का क्रम बना हुआ है। रोजाना शहर में एक से दो दौर की तेज बारिश हो रही है।
मानसून आने के बाद से ही दून के ज्यादातर क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार आज भी दून के कुछ इलाकों में भारी वर्षा को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
आपदा परिचालन केंद्र पहुंचकर फीडबैक लेंगे सीएम:
प्रदेश के कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है। इस क्रम में सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सचिवालय स्थित आपदा परिचालन केंद्र पहुंचकर उच्चाधिकारियों से प्रदेश में हो रही भारी बारिश का फीडबैक लेंगे।
गंगा का जलस्तर बढ़ने का अलर्ट:
केंद्रीय जल आयोग की ओर से हरिद्वार, ऋषिकेश व मैदानी क्षेत्र में मंगलवार दोपहर बाद गंगा का जलस्तर बढ़ने का अलर्ट जारी किया गया है। ऋषिकेश में हालांकि गंगा चेतावनी देखा से काफी नीचे बह रही है। आयोग की मानें तो अलकनंदा का वाटर लेवल बढ़ रहा है। जिससे मैदानी क्षेत्र में जल स्तर बढ़ेगा। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार रुद्रप्रयाग संगम पर अलकनंदा नदी का डिस्चार्ज 2900 के आंकड़े को छू गया। आयोग की ओर से श्रीनगर बांध के निचले क्षेत्रों में आवश्यक कार्रवाई करने के लिए जानकारी प्रदान की गई है।
गंगा का जलस्तर बढ़ने की संभावना को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से मुनादी कराई गई है।
मसूरी में आठ घंटे से ज्यादा समय से बारिश जारी:
देहरादून में सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक बारिश जारी रही। मसूरी में आठ घंटे से ज्यादा समय से बारिश हो रही है। यहां बरसाती नाले ऊफान पर हैं। बारिश से लोग भयभीत है।
मसूरी से सटे अगलाड़ तथा यमुना घाटी में भी मूसलाधार बारिश हो रही है। यमुना और अगलाड़ नदियां ऊफान पर हैं। मसूरी-धनोल्टी मार्ग पर वुडस्टॉक स्कूल के नीचे भूस्खलन से होने से मार्ग बंद हो गया है।
गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे बंद:
गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन होने से अवरुद्ध है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग मनेरी के पास सुचारू हो गया है। परंतु सैंज, नलूणा और हेल्गु गाड़ के पास राजमार्ग अभी अवरुद्ध है। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में वर्षा हो रही है।
गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर मनेरी के पास भूस्खलन की जद में एक टेम्पो आ गया। शुक्र ये रहा है कि टेम्पो चालक ने किसी तरह से भाग कर अपनी जान बचाई। संबंधित स्थान पर राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया है। इसके अलावा गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर अवरुद्ध है।
मंगलवार को यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग झंझर गाड़ के पास करीब तीन घंटे अवरुद्ध रहा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बड़कोट खंड की टीम ने राजमार्ग को सुचारू कर दिया है।
टिहरी में वर्षा से यमुनोत्री राजमार्ग सहित 18 लिंक रोड मलबा आने से बंद हैं। जौनपुर ब्लॉक के नैनगाव में यमुनोत्री राजमार्ग बंद हुआ है। मार्ग खोलने में मशीनें लगाई गई हैं।
गौरीकुंड हाईवे अवरुद्ध:
रुद्रप्रयाग में बारिश जारी है। गौरीकुंड हाईवे तरसाली व फाटा में अवरुद्ध है। अभी बदरीनाथ हाईवे पर यातायात सुचारू है। जिले में 21 मोटर मार्ग अवरुद्ध हैं और चालीस गांवों का संपर्क कटा हुआ है।
रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड हाईवे पर फाटा से आगे कुमडी में एक रेस्टोरेंट भूस्खलन की चपेट में आ गया। इसमें दो युवकों के घायल होने की सूचना है। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बदरीनाथ हाईवे छिनका में खुला, यात्रा सुचारु
चमोली जनपद में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बदरीनाथ हाईवे अवरुद्ध हो गया था। हाईवे नंदप्रयाग और छिनका में भूस्खलन से बाधित था, जिसे बाद में खोल दिया गया। करीब 1000 यात्री हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे थे।
नारायणबगड़ के केवर गांव में भूस्खलन से गौशाला क्षतिग्रस्त हो गई है। यहां कई पशु मलबे में दब गए हैं। घाट के बेरा में मोक्ष नदी ऊफान पर है। इस कारण मकानों को खतरा पैदा हो गया है। यहां तीन घरों को खाली कराया गया है।
आरेंज अलर्ट जारी
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में आज भी बादलों का डेरा रहने का अनुमान है। देहरादून, हरिद्वार, चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर व पौड़ी में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
अन्य जिलों में भी गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। इसके अलावा बुधवार के बाद मौसम के तेवर कुछ नरम पड़ने का अनुमान है। प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्राें में अगले पांच दिन हल्की वर्षा के दौर हो सकते हैं।
16वें दिन खुला चीन सीमा तक जाने वाला लिपुलेख मार्ग:
बीते दो दिनों से मौसम सामान्य रहने के बाद बंद मार्गों के खुलने का सिलसिला जारी हो चुका है। सोलह दिनों से बंद चीन सीमा तक जाने वाला तवाघाट-लिपुलेख मार्ग यातायात के लिए खुल चुका है। पेलसिती के पास अभी मार्ग मात्र छोटे वाहनों के ही खुला है।
जिले के चौदह मोटर मार्गों में से आधा दर्जन मार्ग यातायात के लिए खुल चुके हैं। अभी आठ ग्रामीण मार्ग बंद हैं। तवाघाट-लिपुलेख मार्ग 16 दिन पूर्व कई स्थानों पर चट्टान खिसक जाने से बंद हो गया था। मार्ग के हालात देखते हुए आदि कैलास यात्रा तक सितंबर तक स्थगित कर दी गई है।
लिपुलेख मार्ग पर पेलसिती के पास अभी भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इस स्थान पर काली नदी द्वारा सड़क बहा दी गई थी। यहां पर अभी मार्ग केवल छोटे वाहनों के लिए खुला है।
बीते दो दिनों से सीमांत में बारिश का दौर थमा है। वहीं सुबह से बंद चीन सीमा को जोडऩे वाला दारमा मार्ग भी यातायात के लिए खुल चुका है। टनकपुर -तवाघाट हाईवे में बलुवाकोट से धारचूला के मध्य भी यातायात सामान्य हो चुका है।